Tuesday, 25 October 2011

जैतापुर परियोजना के खिलाफ अभियान छेडेंगे वामपंथी








वामपंथी पार्टियां भी अब महाराष्ट्र में प्रस्तावित जैतापुर परमाणु परियोजना के खिलाफ क्षेत्र में अर्से से जारी जन आंदोलन में कूदने और इसे देशव्यापी स्वरूप देने के लिए कमर कस रही है। प्रमुख वाम पार्टियों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के शीर्ष नेताओं की अगुवाई में साथी दलों, जन संगठनों, सांसदों एवं प्रमुख वैज्ञानिकों की 15 सदस्यीय समिति जल्द ही इस परियोजना के खिलाफ रत्नागिरी जिले के जैतापुर तथा आसपास के इलाकों में जारी जनसंघर्ष के समर्थन में देशव्यापी अभियान छेड़ेंगी।

माकपा के महासचिव प्रकाश करात तथा भाकपा के महासचिव एबी. वर्धन की अगुवाई में रविवार को गठित इस समिति ने जैतापुर में फांसीसी कंपनी (अरेवा) के छह परमाणु रिएक्टर लगाने की योजना से किसानों एवं आम उत्पादकों के विस्थापन, हजारों मछुआरों की रोजी रोटी पर उत्पन्न खतरे और पर्यावरण एवं पारिस्थिति के लिए मौजूद जोखिम के सवालों के साथ-साथ इन रिएक्टरों के अब तक अपरीक्षित होने का भी प्रश्न उठाया है। समिति ने कहा है कि फांसीसी कंपनी अरेवा का कोई रिएक्टर दुनिया भर में अब तक कहीं नहीं लगाया गया है।

फांस में भी नहीं और यह अपेक्षाकृत अत्यंत महंगा भी है। जापान में फुकुशिमा परमाणु त्रासदी के बाद तो इस परियोजनाओं को लेकर जन स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के और भी गहरे सवाल उठ खड़े हुए हैं। रत्नागिरि जिले में परियोजना विरोधी आंदोलनों के पुलिस दमन, आंदोलनकारियों पर झूठे मामले थोपे जाने और विरोध प्रदर्शनों पर स्थायी रोक का विरोध करते हुए समिति ने आंदोलन को अखिल भारतीय स्वरूप देने का निश्चय किया है।

एजेंसी

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