युद्ध कभी धार्मिक नहीं होता
या फिर यों कहा तो युद्ध का कोई धर्म नहीं होता है
यह बात अलग है कि विजय के
बाद धर्म जयी के साथ हो जाता है
यदि राम रावण युद्ध में
रावण जीत गया होता
तो हमारा सारा समय
सीता को कुलटा कहते बीतता
रात कायर, लक्ष्मण हिज,
और हनुमान हमें कमजोर नजर आता
जगह-जगह भगवान रावण पूजा जाता
और विभीषण को देशद्रोही कहते हुए देश से निकाला जाता
सच मानो दोस्तो
यदि इराक अमेरिका युद्ध में इराक जीत जाता
तो इराक में मानवता के खिलाफ अपराध के लिए
जार्ज बुश का आखिरी दिन फांसी के तख्ते पर बीतता
और तब धर्म यही कहता
क्योंकि धर्म हमेशा जयी के साथ होता है!
- राम सागर सिंह परिहार
Thursday, 29 July 2010
धर्मयुद्ध
Posted by Randhir Singh Suman at 7:18 am
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