Tuesday 12 March, 2013

जिम्मी कार्टर आपका है पीर मौलाना

बहुत मैंने सुनी है आपकी तक़रीर मौलाना
मगर बदली नहीं अब तक मेरी तक़दीर मौलाना

खुदारा सब्र की तलकीन अपने पास ही रखें

ये लगती है मेरे सीने पे बन कर तीर मौलाना

नहीं मैं बोल सकता झूठ इस दर्ज़ा ढिठाई से
यही है ज़ुर्म मेरा और यही तक़सीर मौलाना

हक़ीक़त क्या है ये तो आप जानें और खुदा जाने

सुना है जिम्मी कार्टर आपका है पीर मौलाना

ज़मीनें हो वडेरों की, मशीनें हों लुटेरों की

ख़ुदा ने लिख के दी है आपको तहरीर मौलाना !!!


बड़े बने थे जालिब साहेब ....पिटे सड़क के बीच ....

गाली खाई , लाठी खाई , गिरे सड़क के बीच .......


-हबीब जालिब

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