खुले सत्र का उद्घाटन भाकपा महासचिव बर्द्धन ने किया। जबकि माकपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रकाश करात, भाकपा [माले] के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, फारवर्ड ब्लाक के राष्ट्रीय महासचिव देवव्रत विश्वास और आरएसपी के राष्ट्रीय सचिव अबनी रॉय ने एकता पर अपना-अपना नजरिया पेश किया। सभी ने वाम एकता पर यह कहते हुए सहमति जतायी-'देश हमें सही विकल्प के रूप में देख रहा है।' प्रकाश करात ने कहा कि दो दशक पहले सोवियत संघ के विघटन के बाद विश्वभर में पूंजीवाद के फतह की जो गूंज उठी थी, वह खामोश हो गई है। पिछले चार सालों से पूंजीवाद संकट में है। जैसी मंदी देखी जा रही है, वैसी 1930 में भी नहीं थी। लोग अब समाजवाद को ही नव-उदारवादी पूंजीवाद के विकल्प के रूप में देख रहे हैं। भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस और भाजपा में कोई अंतर नहीं है।
Thursday 29 March, 2012
कम्युनिस्टों का राजनीतिक विकल्प बनने पर जोर
खुले सत्र का उद्घाटन भाकपा महासचिव बर्द्धन ने किया। जबकि माकपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रकाश करात, भाकपा [माले] के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, फारवर्ड ब्लाक के राष्ट्रीय महासचिव देवव्रत विश्वास और आरएसपी के राष्ट्रीय सचिव अबनी रॉय ने एकता पर अपना-अपना नजरिया पेश किया। सभी ने वाम एकता पर यह कहते हुए सहमति जतायी-'देश हमें सही विकल्प के रूप में देख रहा है।' प्रकाश करात ने कहा कि दो दशक पहले सोवियत संघ के विघटन के बाद विश्वभर में पूंजीवाद के फतह की जो गूंज उठी थी, वह खामोश हो गई है। पिछले चार सालों से पूंजीवाद संकट में है। जैसी मंदी देखी जा रही है, वैसी 1930 में भी नहीं थी। लोग अब समाजवाद को ही नव-उदारवादी पूंजीवाद के विकल्प के रूप में देख रहे हैं। भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस और भाजपा में कोई अंतर नहीं है।
Posted by Randhir Singh Suman at 5:08 pm
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