Saturday 31 March, 2012

भाकपा अपने कार्यक्रमों में आज लाएगी ऐतिहासिक बदलाव

पटना : देश एवं दुनिया की मौजूदा राजनीतिक-आर्थिक स्थिति के मद्देनजर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(भाकपा) अपने कार्यक्रमों में ऐतिहासिक बदलाव लाएगी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एबी बर्धन ने इसका मसौदा तैयार किया है जिसे 21वें महाधिवेशन के अंतिम दिन शनिवार को मंजूरी दी जाएगी। शनिवार को ही पार्टी के नए राष्ट्रीय महासचिव की घोषणा की जाएगी। महाधिवेशन में पश्चिम बंगाल के संबंध में अलग से एक प्रस्ताव पेश किया गया, जिसमें कहा गया कि वहां आपातकाल जैसी स्थिति है। अन्य दलों की तरह पार्टी में अध्यक्ष का पद सृजित करने पर भी बहस हो रही है।
सूत्रों ने बताया कि नए कार्यक्रमों में कारपोरेट एवं निजी क्षेत्रों में दखलअंदाजी बढ़ाने एवं युवाओं को पार्टी से जोड़ने के प्रयास प्रमुख हैं। पार्टी का कहना है कि भारी-भरकम वेतनों के साथ लंबे कार्य घंटों ने युवाओं के एक ऐसे तबके को खड़ा कर दिया है जिनका कोई सामाजिक सरोकार नहीं है। समाज को एनजीओ और तथाकथित सिविल सोसायटी ग्रुपों के हाथों में अब और अधिक नहीं छोड़ा जा सकता।
महाधिवेशन में जारी बहस की जानकारी देते हुए पार्टी के राष्ट्रीय सचिव शमीम फैजी और अतुल कुमार अंजान ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 1992 में हुए महाधिवेशन में पार्टी के कार्यक्रम तय किए गए थे, जो आज की परिस्थिति में बहुत प्रभावी नहीं रह गये हैं। वर्तमान राजनीतिक-आर्थिक पृष्ठभूमि में नए धारदार कार्यक्रमों की आवश्यकता है। इनकी शनिवार को घोषणा की जाएगी। पश्चिम बंगाल के संबंध में उन्होंने कहा कि पिछले दस माह में भाकपा एवं माकपा के 35 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। भाकपा के दस से अधिक कार्यालयों पर कब्जा किया गया है। यह तय किया जा रहा है कि लोग क्यों पढ़ें, क्या नहीं। ममता बनर्जी के पक्ष में मुखर रहने वाली महाश्वेता देवी भी अभी पश्चिम बंगाल सरकार की कड़े शब्दों में निंदा कर रही हैं। वहां भाकपा अपना जनांदोलन तेज करेगी। उप-महासचिव सुधाकर रेड्डी को नया महासचिव बनाने संबंधी प्रश्न पर श्री अंजान ने कहा कि तत्कालीन महासचिव इंद्रजीत गुप्ता जब गृह मंत्री बने थे, तब उप महासचिव एबी बर्धन को महासचिव बनाया गया था। इसी को आधार मानकर ये अटकलें लगायी जा रही हैं। नए महासचिव का शनिवार को चुनाव होगा। उन्होंने बताया कि राजनीतिक प्रस्ताव पर 300 से अधिक संशोधन एवं सुझाव आए हैं। इन पर बहस जारी है। अन्य दलों की तरह भाकपा में भी अध्यक्ष का पद सृजित करने का सुझाव भी आया है। इस पर भी बहस हो रही है। श्री फैजी ने स्पष्ट किया कि महाधिवेशन में ही पार्टी संविधान में कोई संशोधन किया जाता है, परन्तु इसके लिए प्रस्ताव दो माह पहले लिखित रूप में आने चाहिए। वाम एकता और कामन मैनिफेस्टो के संबंध में उन्होंने कहा कि एकता के लिए सभी वाम दलों में सहमति है। इस पर काम हो रहा है। कामन मैनिफेस्टो इसकी अगली कड़ी है। जनवितरण प्रणाली, पास्को आदि पर भी महाधिवेशन में राजनीतिक प्रस्ताव आए हैं। इस मौके पर वरिष्ठ नेता राम बाबू कुंवर भी उपस्थित थे।

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