Wednesday 13 January, 2010

ललितपुर के भूमि अधिग्रहण के खिलाफ मुख्यमंत्री को भाकपा राज्य सचिव का पत्र

महोदय,
हम सभी जानते हैं कि प्रदेश का बुन्देलखण्ड क्षेत्र एक बहुत ही पिछड़ क्षेत्र है। उसमें भी ललितपुर जनपद और भी अधिक पिछड़ा है।
इस जनपद के विकास और सम्पर्ण बुन्देलखण्ड के विकास की आवाज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सदैव से उठाती रही है। आज भी भाकपा मांग कर रही है कि वहां सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम स्थापित किये जायें।
इसके पीछे भाकपा की समझ है कि ललितपुर जनपद और समूचे बुन्देलखण्ड में तमाम पठारी, गैर उपजाऊ तथा वन विभाग की ऐसी जमीन जिस पर वृक्ष नहीं है, मौजूद है जिसके रहते बिना कृषि योग्य भूमि को लिये ही तमाम उद्योग खोले जा सकते हैं।
अब पता चला है कि आपकी सरकार ललितपुर में एक ऊर्जा संयत्र बनाने जा रही है। हम इसका स्वागत करते हैं।
लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की जनपद ललितपुर काउंसिल ने मेरे पास सैकड़ों हस्ताक्षरों से युक्त उस ज्ञापन की प्रति भेजी है जो आपको, महामहिम राज्यपाल जी को तथा माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार को भी भेजा गया है।
ज्ञापन से पता चलता है कि उपर्युक्त विद्युत परियोजना के निर्माण के लिये ललितपुर जनपद के विकास खण्ड जखौरा के ग्राम दैलवारा, जैरवारा, टौरिया, रांकड तथा थनवास आदि ग्रामों के किसानों की उपजाऊ जमीनों को अधिग्रहीत किये जाने की योजना चल रही है।
स्पष्ट कर दें कि ये भूमि बेहद उपजाऊ है तथा दो फसल देने वाली सिंचित जमीन है। इन जमीनों के मालिक अधिकतर दलित और आदिवासी हैं तथा राजघाट बांध के डूबे क्षेत्र से भगाये गये किसान हैं जो अभी बर्बादी से उबर भी न पाये थे कि दोबारा बर्बादी के कगार पर लाकर खड़े कर दिये गये हैं।
हम भाकपा के बुन्देलखण्ड के विकास के लक्ष्य को दोहराते हुए कहना चाहते हैं कि उपर्युक्त परियोजना के लिये ‘नरेन्द्रा एक्सप्लोसिव’ नामक वर्षों से बन्द पड़े, उद्योग की 1100 एकड़ जमीन का उपयोग किया जाये। यह जमीन इस उद्योग के लिये किसानों से अधिग्रहीत की गयी थी तथा शेष वन विभाग से ली गयी थी। आज उसे वापस ले वहां विद्युत परियोजना का निर्माण किया जा सकता है।
दूसरे जनपद बुन्देलखण्ड में हजारों एकड़ जंगल की ऐसी जमीन मौजूद है जिस पर वृक्ष नहीं है। उसका इस्तेमाल भी उक्त परियोजना के लिये किया जा सकता है।
केन्द्र सरकार के उद्योग मंत्रालय ने भी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि उद्योगों के लिये उपजाऊ जमीने न अधिग्रहीत की जायें।
खाद्यान्न संकट, बेरोजगारी और किसानों को बर्बादी से बचाने को भी यह जरूरी है।
अतएव आपसे निवेदन है कि ललितपुर जनपद में राज्य सरकार विद्युत परियोजना का अवश्य निर्माण करे परन्तु परियोजना के लिये किसानों की उपजाऊ जमीनें कतई न ली जायें।
हम समझते हैं कि आप जनहित में, कृषि हित में एवं दलित हित में उक्त परियोजना का निर्माण ‘नरेन्द्रा एक्सप्लोसिव’ की बेकार पड़ी जमीन पर अथवा किसी दूसरी गैर उपजाऊ जमीन पर करायेंगी। अन्यथा भाकपा किसानो के आन्दोलन का पूरा-पूरा सहयोग एवं समर्थन करेगी।
सधन्यवाद।

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